Movie Review : Gulmohar(2023)
A review by Akash Thakur MSVA
फिल्म की शुरुआत एक शानदार विला से होती है जिसका नाम है ‘गुलमोहर’! एक साझा परिवार अपनी अपनी मंजिलों की ओर चलने वाला होता है लेकिन भावनाओं की कश्मकश उन्हें आगे नहीं बढ़ने दे रही है। बड़े बुजुर्ग अपनी जिंदगी अपने तरीके से जीना चाहते हैं और नवीन पीढ़ी के नये सपने और उनको लेकर जिद्दी मानसिकता उनको लीक से हटकर चला रही है। मात्र एक नहीं तीन- तीन प्रेम कहानियाँ फिल्म की कहानी के साथ धीरे धीरे आगे बढ़ती हैं। फिल्म में कोई भी एक्शन सीन ना होने के बावजूद भी फिल्म की कहानी रत्ती भर भी आपका ध्यान स्क्रीन से हटने नहीं देगी। मनोज वाजपेयी जी, जो अपने किरदार की भूमिका को निभाने के लिए हमेशा सुर्खियों में रहते हैं, वे गुलमोहर फिल्म के दौरान भी अपने किरदार को लेकर बहुत गंभीर नज़र आते हैं। समाज के कई महत्वपूर्ण पहलुओं को फिल्म ने बहुत सुंदरता के साथ एकत्रित किया है जो कि आज कल के सिनेमा में बहुत कम देखने को मिलता है। फिल्म पूर्ण रूप से परिवार के साथ देखने योग्य है और मैं तो कहूँगा कि परिवार के साथ ही देखने के लिए बनी है। अपनों से जो बातें करने की झिझक होती है उस मानसिकता को तोड़ती हुई फिल्म अपने शानदार संगीत के साथ बिना रुके आगे बढ़ती रहती है। जहां तक मेरी निजी राय है, मुझे लगता है सिनेमा को ऐसे क्रियाकलाप करते रहने चाहिए। खासतौर पर भारतीय सिनेमा एक अनूठा उदाहरण दुनिया के सामने पेश करता है जब बात आती है ‘गुलमोहर’ जैसी शानदार फिल्म की।
-Akash Thakur MSVA


